सावन की अंतिम सवारी में आस्था, उमंग और उत्साह का उमड़ा जनसैलाब
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बाबा महाकाल की पूजा अर्चना कर सवारी में हुए शामिल
उज्जैन। सावन माह के अंतिम सोमवार श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी धूमधाम से निकाली गई। सावन माह की अंतिम सवारी में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के सभामंडप में सपरिवार भगवान की विधिवत पूजा अर्चना की। पुजारी घनश्याम शर्मा और आशीष पुजारी द्वारा पूजन कराया गया। मुख्यमंत्री डॉ यादव संपूर्ण सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल की आराधना और भजन-कीर्तन करते हुए नंगे पांव चले।
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इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार और उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी भी बाबा महाकाल की पूजा अर्चना कर सवारी में शामिल हुए।
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सीआरपीएफ बेंड एवं पुलिस बैंड की संयुक्त प्रस्तुति
मुख्यमंत्री डॉ यादव की पहल पर पहली बार श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में सीआरपीएफ बैंड द्वारा प्रस्तुति दी गई। बाबा की सवारी में सीआरपीएफ एवं पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत धार्मिक धुनों ने सवारी की भव्यता को बढ़ाया। शिप्रा तट के पावन रामघाट पर भी बाबा महाकाल की सवारी के पूजन के दौरान सीआरपीएफ एवं पुलिस बैंड द्वारा संयुक्त प्रस्तुति दी गई। बैंड द्वारा प्रस्तुत शिव भजनों और आरती की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मनमोहा।
जनजातीय दलों ने दी सेला कर्मा नृत्य की प्रस्तुति
बाबा महाकाल की सवारी में डिंडोरी जिले के जनजातीय दलों ने कला संस्कृति की अनुपम छठा बिखेरी। दल ने मादल, टिमकी, बांसुरी, मंजीरा, चटकोला आदि पारंपरिक वाद्ययंत्रों पर आकर्षक प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय जिलों के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे सवारी को शोभायमान कर रहें हैं।
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रामघाट पर भगवान महाकाल का जलाभिषेक
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मन्दिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पर पहुंची, वैसे ही चहुंओर आस्था और श्रद्धा का जन-सैलाब उमड़ पड़ा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने शिप्रा के तट पर बाबा महाकाल का जल अभिषेक किया। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पं.आशीष पुजारी द्वारा विधिवत संपन्न कराया गया। इस अवसर प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा, तकनीकी शिक्षा, जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, राज्यसभा सांसद उमेशनाथ महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा गोपाल मंदिर पर भी सवारी का पूजन किया गया।
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भोले शंभु-भोलेनाथ और दाता अवंतिकानाथ की जय
के घोष से श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा
भगवान श्री महाकाल की पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर भगवान मन्दिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजमान श्री चंद्रमौलेश्वर को सलामी दी गई। सवारी मार्ग में जगह-जगह खड़े श्रद्धालुओं ने भोलेशंभु-भोलेनाथ और दाता अवंतिकानाथ की जय के घोष के साथ भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की। सवारी में विभिन्न भजन मंडलियों द्वारा आकर्षक नृत्य और भजनों की प्रस्तुति दी गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों की संख्या में भक्त झांझ, मंजीरे, ढोल और भगवान का प्रिय वाद्य डमरू बजाते हुए पालकी के साथ उत्साहपूर्वक आराधना करते हुए चले। श्रद्धालुओं ने सुगमतापूर्वक भगवान के दर्शन लाभ लिए।
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इन मार्गों से गुजरी सवारी
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची, जहॉ शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
महाकालेश्वर की सवारी का बढ़ा वैभव
इस वर्ष सावन के माह में अब तक निकली श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी का आकर्षण कुछ अलग ही रहा है। हर सवारी अपने आप में अनूठी रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सवारी की वैभवता को बढ़ाने में अनूठे प्रयोग किये, जिससे न केवल प्रदेश के अपितु देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं की संख्या में बढोत्तरी हुई है। सावन माह के अंतिम सवारी की प्रमुख बात यह है, इसमें पहली बार सीआरपीएफ का बैण्ड शामिल हुआ। मुख्यमंत्री डॉ यादव के आग्रह पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी सोमवार को भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने आएं।
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डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी का वैभव और बढ़ा है। पहले भव्य पुलिस बैंड की आकर्षक प्रस्तुति और उसके बाद एक साथ डमरू वादन का विश्व रिकॉर्ड बनना अपने आप में अनूठी पहल है। सवारी की भव्यता को बढ़ाने के लिये पहली बार जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये जनजातीय समूहों के नृत्य भी इस बार सावन की सवारियों का हिस्सा बने हैं, जिससे न केवल सवारी की भव्यता बल्कि उसका आकर्षण भी बढ़ा है। इनकी प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सवारी में भगवान महाकाल के सुगम दर्शन के लिये पहली बार चलित रथ भी निकले, जिन पर लगी बड़ी स्क्रीन से श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।
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